नई दिल्ली:- हिंदु पुराणों में से एक गरुड़ पुराण में जानकारी दी गई है कि मनुष्य धरती पर जो भी कर्म करता है उसके आधार पर ही उसे फल भुगतने पड़ते हैं. गरुण पुराण के मुताबिक में मनुष्य के कर्मों का पूरा हिसाब किताब किया जाता है. वहीं, अगर सवाल करें कि किसी जीवात्मा को अगला जन्म क्या मिलेगा इसका निर्णय कैसे होता है तो इसके लिए भी मनुष्य के कर्म ही जिम्मेदार होते हैं. मनुष्य के कर्म के लेखाजोखा के बाद ही उसके अगले जन्म को तय किया जाता है. आइए इस बारे में और जानें.
कर्मों के हिसाब से मिलता है अगला जन्म
गरुड़ पुराण के मुताबिक महिलाओं का शोषण करने वाले व्यक्ति को अगले जन्म में भयानक रोग मिलता है जिससे वो पीड़ित रहता है. वहीं, अप्राकृतिक संबंध बनाने वाले को अगली बार नपुंसक के रूप में जन्म मिलता है.
गरुड़ पुराण के अनुसार जो व्यक्ति जीवनभर किसी न किसी को धोखा देता रहता है उसे अगले जन्म में उल्लू की योनी मिलती है. किसी की झूठी गवाही देने पर मनुष्य अगले जन्म में अंधा होता है.
जो व्यक्ति लूटता हो, जानवरों को सताता हो और उनका शिकार करता है उसे अगले जन्म में कसाई से मौत मिलती है. इसके लिए उसे जानवर की योनी में जन्म मिलता है.
गरुड़ पुराण के मुताबित जो व्यक्ति अपने माता-पिता, भाई-बहन को दुख देता है या उनको प्रताड़ित करता है, अगले जन्म में उसकी मृत्यु गर्भ में ही हो जाती है.
अगला जन्म मूर्ख और कुबड़े के रूप में
गुरु का अपमान करने पर व्यक्ति को नरक में भेजा जाता है और अगले जन्म में बिना पानी वाले वन में ब्रह्मराक्षस बनता है.
जो पुरुष महिलाओं की तरह आचरण करते हैं और उनके स्वाभाव और आदतें भी महिलाओं जैसी होती हैं तो ऐसे पुरुष अगले जन्म में स्त्री के रूप में जन्म पाते हैं.
गरुड़ पुराण के अनुसार मृत्यु के समय जो व्यक्ति भगवान का नाम लेता है या भजन करता है उसको मुक्ति का मार्ग मिलता है. शास्त्रों में मरते समय राम नाम लेने का महत्व बताया गया है.
जो मनुष्य स्त्री की हत्या करता है, गर्भपात या गाय की हत्या करता है, उसका अगला जन्म मूर्ख और कुबड़े के रूप में होता है.