नई दिल्ली:- कड़कड़ाती सर्दी के दिनों में रजाई में दुबके रहना आखिर किसे पसंद नहीं होता। इस मौसम में हम सर्दियों के व्यंजनों का भरपूर आनंद लेते हैं। ऐसे में हमारी ओवरईटिंग तो होती है, लेकिन शारीरिक गतिविधियां कम हो जाती हैं। यही कारण है कि इस मौसम में शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होने लगती है और कई बीमारियां व संक्रमण शरीर पर अटैक कर देते हैं। सर्दी में हम पानी कम पीने लगते हैं, जिससे शरीर हाइड्रेट नहीं रह पाता। इन सभी के कारण अक्सर ठंड के मौसम में लोगों को कब्ज की समस्या भी रहने लगती है। चिंता की बात ये है अधिकांश लोग इसका कारण जान नहीं पाते। चलिए जानते हैं आखिर सर्दियों में कब्ज की समस्या क्यों बढ़ जाती है।
सर्दियों में कब्ज की समस्या क्यों बढ़ जाती है
पानी कम पीना
सर्दी के मौसम में तापमान इतना कम रहता है कि अक्सर लोग पानी पीना ही भूल जाते हैं। या फिर बहुत ही कम पानी पीते हैं। इस मौसम में अक्सर लोग जूस, छाछ आदि का सेवन भी कम कर देते हैं। यही कारण है कि शरीर हाइड्रेट नहीं रहता, जिससे आंतों में चिकनाई की कमी हो जाती है और कब्ज की समस्या होने लगती है।
कैफीन का ज्यादा सेवन
सर्दी को दूर भगाने के लिए लोग अक्सर दिन में कई बार चाय और कॉफी का सेवन करते हैं। जिससे शरीर में अधिक मात्रा में कैफीन पहुंचता है। ये निर्जलीकरण को बढ़ाता है। ऐसे में कब्ज की समस्या होने लगती है।
फाइबर कम खाना
हलवा, गजक, पकौड़ी, कचोरी, समोसे जैसे अधिक वसा और शर्करा वाले खाद्य पदार्थ सर्दियों के व्यंजनों में शामिल होते हैं। इन्हें पचाने मुश्किल होता है। वहीं इस दौरान ताजे फल, सब्जियों का सेवन कम हो जाता है। ऐसे में शरीर में फाइबर की कमी होने लगती है। फाइबर की कमी पाचन प्रक्रिया को प्रभावित करती है, जिसके कारण कब्ज की परेशानी होती है।
शारीरिक गतिविधियां कम होना
कड़कड़ाती सर्दी में लोग अपने दैनिक कार्यों को करने में ही परेशानी महसूस करने लगते हैं, ऐसे में अधिकांश लोग वॉक, एक्सरसाइज जैसी शारीरिक गतिविधियां करना बंद या कम कर देते हैं। इसका सीधा असर आपके पाचन तंत्र पर पड़ता है, क्योंकि नियमित गतिविधियां पाचन तंत्र को उत्तेेजित रखने में मददगार होती हैं। जब ये बंद होती हैं तो कब्ज की परेशानी होने लगती है।
दवाओं का अधिक सेवन
सर्दियों का मौसम अपने साथ कई सारी स्वास्थ समस्याएं लेकर आता है। इस दौरान फलू, संक्रमण, सर्दी, जुकाम, बुखार आदि की परेशानी बढ़ने के साथ ही जोड़ों का दर्द, गठिया का दर्द आदि बढ़ जाते हैं। ऐसे में लोग अधिक दवाओं का सेवन करने लगते हैं। कई बार इन दवाओं के प्रभाव के कारण भी कब्ज हो जाती है। इसलिए दवाएं हमेशा डॉक्टर की सलाह पर ही लेनी चाहिए।