बिलासपुर:- छत्तीसगढ़ की खानपान परंपरा में “रखिया बड़ी” का विशेष स्थान है. सफेद कद्दू से बनने वाली यह बड़ी ठंड के मौसम में तैयार की जाती है. बरसात में उगाए गए कोहड़े इसी समय पकते हैं, जिन्हें लंबे समय तक सुरक्षित रखना मुश्किल होता है. ऐसे में, बड़ी बनाकर इसे कई महीनों तक उपयोग किया जा सकता है. रखिया बड़ी छत्तीसगढ़ के पारंपरिक स्वाद और पोषण का अनूठा मेल है.
रखिया बड़ी को सफेद कद्दू और उड़द की दाल के मिश्रण से तैयार किया जाता है और इसे धूप में सुखाकर संरक्षित किया जाता है. यह तब काम आती है, जब ताजा सब्जियों की कमी हो. इसका उपयोग खासतौर पर स्वादिष्ट सब्जियां बनाने में किया जाता है.
गर्भवती महिलाओं के लिए है लाभकारी
बिलासपुर जिले के पचपेड़ी में रहने वाली भाग्यवती सूर्यकांत ने बताया कि इस बड़ी को बनाकर साल भर इसे पकाकर खाते हैं. साथ ही बताया कि यह पौष्टिक होती है और बीमार लोगों के साथ ही गर्भवती महिलाओं के लिए अत्यधिक लाभकारी मानी जाती है. इसे बनाने में लागत भी कम आती है. गांव के बाजारों में सफेद कद्दू कम दामों पर मिलती हैं, सिर्फ उड़द दाल और मसाला खरीदना पड़ता है. इस बड़ी को बनाते समय सावधानी रखना जरूरी है. खराब मौसम या बादल वाले दिनों में इसे नहीं बनाया जाता ताकि यह खराब ना हो. खराब मौसम में इसे बनाया गया तो यह सही तरीके से सुख नहीं पाएगा और कच्चा रह जाएगा, जिससे खराब होने की संभावना बढ़ जाएगी. वहीं खराब हो चुकी बड़ी को फेंकना अशुभ माना जाता है.
रखिया बड़ी बनाने की प्रक्रिया
सबसे पहले परिपक्व सफेद कद्दू को चुनें. इसे अच्छी तरह धोकर टुकड़े कर छील लें और बीज निकाल दें. इसके बाद कद्दूकस की मदद से कद्दू से पानी निचोड़ लें. पानी पूरी तरह निकालने के लिए इसे कपड़े की पोटली में बांधकर कुछ घंटों के लिए दबाकर रखें. वहीं उड़द की दाल को रातभर भिगोकर दरदरा पीस लें. इसे 15 मिनट तक हाथ से फेंटें. दाल के सही तरीके से फेंटे जाने की जांच के लिए इसे पानी में डालकर देखें. अगर दाल पानी में तैरती है, तो यह तैयार है.
रखिया बड़ी बनाने में इन मसालों का करें उपयोग
रखिया बड़ी बनाने में मसाले का उपयोग भी अहम हिस्सा है. कद्दूकस किए हुए कद्दू में जीरा, इलायची, काली मिर्च, बारीक कटी मेथी पत्तियां, करी पत्ता, हरी मिर्च और अदरक मिलाएं. ध्यान रखें कि नमक ना डालें ताकि बड़ी लंबे समय तक सुरक्षित रहे. जहां अच्छी धूप आती हो, वहां चादर बिछाकर कद्दू और दाल के मिश्रण से छोटी-छोटी बड़ी बनाएं. इन्हें 5-6 दिनों तक सुखाएं. बीच में इन्हें पलटते रहें, ताकि यह पूरी तरह सूख जाए. पूरी तरह सूखने के बाद रखिया बड़ी को एयरटाइट डिब्बे में स्टोर कर लें. जब चाहें, इसे स्वादिष्ट सब्जी बनाने में इस्तेमाल करें.
छत्तीसगढ़ की रसोई का अनमोल हिस्सा
रखिया बड़ी ना केवल स्वाद में अनूठी है, बल्कि सेहत के लिए भी फायदेमंद है. ठंड के मौसम में यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक होती है. यह छत्तीसगढ़ के पारंपरिक खान-पान का एक विशेष उदाहरण है, जो सेहत और स्वाद का बेहतरीन संगम पेश करता है.