महिलाओं में उम्र बढ़ने के साथ कई समस्याएं बढ़ने लगती हैं जिनमें से एक है यूट्रोवैजाइनल प्रोलैप्स जिसे आम भाषा में समझें तो बच्चेदानी का खिसकना कहते हैं. ये वो मेडिकल स्थिति है जिसमें महिला का गर्भाशय अपनी जगह से आगे की तरफ खिसक जाता है. ये ज्यादातर महिलाओं में उम्र बढ़ने के साथ होता है जिन महिलाओं में ज्यादातर बच्चों की डिलीवरी वजाइना के द्वारा हुई है यानी कि बच्चों की नॉर्मल डिलीवरी हुई है उनमें अक्सर मसल्स, लिगामेंट्स और यूट्रस कमजोर हो जाता है और जब उनका मेनोपॉज शुरू होने वाला होता है. मेनोपॉज वो स्थिति है जब महिलाओं में मासिक धर्म आना बंद हो जाता है.
सीनियर गायनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर नुपुर गुप्ता बताती हैं कि जब उम्र बढ़ने से महिलाओं में पेल्विक मसल्स या तो कमजोर पड़ जाती है या डैमेज हो जाती हैं. इनमें लिगामेंट्स, मसल्स और टिश्यूज शामिल है. जब कई वजहों से ये स्पोर्ट स्ट्रक्चर फेल हो जाता है तो बच्चेदानी अपनी जगह से नीचे की तरफ खिसक जाती है. इसका इलाज दोनों तरीकों से होता है सर्जिकल और नॉन सर्जिकल. जिसमें पेशेंट की कंडीशन देखी जाती है कि स्थिति कितनी गंभीर है या नहीं. वैसे ये स्थिति किसी को भी हो सकती है लेकिन ज्यादातर उन महिलाओं में देखी जाती है जिसकी एक से ज्यादा नॉर्मल डिलीवरी है और उनका मेनोपॉज शुरू हो चुका है.
पेल्विक मसल्स ही है जो यूट्रस को स्पोर्ट करती हैं अपनी स्थिति में बनाए रखने के लिए. जब ये स्पोर्ट सिस्टम कमजोर पड़ने लगता है तो गर्भाशय अपनी जगह से खिसकने लगता है. इसकी 4 स्टेज होती हैं जिसमें कम खतरनाक स्थिति से अत्यधिक गंभीर स्थिति शामिल है. महिलाएं अक्सर डॉक्टर के पास इसी शिकायत के साथ आती हैं कि उन्हें निचले हिस्से में कुछ भारी सा लटका होने का अहसास होता है जिससे उन्हें चलने में तकलीफ होती है. अगर इस स्थिति पर ध्यान न दिया जाए तो स्थिति और गंभीर हो सकती है.
बच्चेदानी खिसकने की वजह– बढ़ती उम्र– पारिवारिक इतिहास– मल्टीपल पेल्विक सर्जरी– मेनोपॉज की स्थिति– एक से ज्यादा नॉर्मल डिलीवरीबच्चेदानी को खिसकने से रोकने के उपाय– गलत पोस्चर भी इसके लिए जिम्मेदार है, हाई हील पहनने से कई महिलाओं के हीप पीछे से ऊपर की ओर उठे होते हैं ये पोश्चर बच्चेदानी वाले एरिया को कमजोर करता है और मसल्स को कमजोर करता है जिससे उम्र बढ़ने के साथ साथ बच्चेदानी अपनी जगह से खिसकना शुरू हो जाती है.
इसलिए हाई हील पहनने के साथ साथ अपने पोश्चर का भी ध्यान रखें.– स्क्वाट्स करने से बॉडी का पोश्चर सही रहता है इसलिए समय-समय पर स्क्वाट्स करें.– कीगल एक्सरसाइज से भी बच्चेदानी वाला एरिया मजबूत होता है. इसके लिए एक जगह बैठकर पेल्विक एरिया को खोलते हुए पैर फैलाएं और चिपकाएं इस तरह रोजाना 10 बार करने से यूट्रस मजबूत होता है और उम्र के साथ ये समस्या नहीं आती.– वॉशरूम का इस्तेमाल करते समय भी पोश्चर का ध्यान रखें और बैठते समय शरीर पर अतिरिक्त प्रेशर न डालें.– बच्चेदानी वाले एरिया की मसल्स को मजबूती देने के लिए स्ट्रेंथ ट्रेनिंग लें और रोजाना थोड़ी देर साइकलिंग करें.– हेल्दी डाइट लें इससे आपकी मसल्स को स्ट्रेंथ मिलेगी