वास्तु शास्त्र की मानें तो घर में मौजूद हर एक चीज से सकारात्मक या नकारात्मक ऊर्जा निकलती है। वह उर्जा घर के विकास के लिए बाधा उत्पन्न कर सकती है। साथ ही परिवार के सदस्यों पर भी असर डालती है। जैसे की घर बनाने में पैसों और जमीन से जुड़ी दिक्कत खत्म हो जाए तो आपको कुछ अन्य बातों का भी ध्यान रखना चाहिए खास बातें क्योंकि घर का वास्तु आपके दैनिक जीवन पर बहुत प्रभाव डालता है. क्योंकि घर का वास्तु आपको रातों-रात आसमान में चमकता सितारा भी बना सकता है, वहीं अगर वास्तु के नियमों का ठीक से ध्यान न रखा जाए तो ये आपको कंगाल भी बना सकता है. आइए इस लेख के माध्यम से हम आपको शौचालय से जुड़े वास्तु नियमों के बारे में बताते हैं, जिन्हें आपको अपने घर में शौचालय बनवाते समय ध्यान में रखना चाहिए, अन्यथा आपका जीवन पूरी तरह से संकट में पड़ सकता है-
आपको बता दें कि वास्तुशास्त्र में बताया गया है कि घर का शौचालय कभी भी उत्तर दिशा में नहीं बनाना चाहिए क्योंकि उत्तर दिशा धन के देवता कुबेर देव का स्थान मानी जाती है. आपको बता दें कि उत्तर दिशा में शौचालय का निर्माण कराने से धन के देवता कुबेर नाराज हो जाते हैं और धीरे-धीरे आपके घर में कंगाली अपने पैर पसारने लगती है और आपको आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है
वास्तु शास्त्र के अनुसार, आपको बता दें कि उत्तर दिशा में बना शौचालय बीमारियों का वाहक माना जाता है और इसे देखते ही घर के सभी सदस्य बीमार होने लगते हैं. इसके अलावा सही दिशा में बना घर का शौचालय सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है और आपकी तरक्की के रास्ते खोलता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कहा जाता है कि शौचालय में फैली नकारात्मक ऊर्जा पूरे परिवार को अपना शिकार बनाती है.
आपको बता दें कि अगर आप उत्तर दिशा में शौचालय बनाना चाहते हैं तो आप इसे उत्तर-पश्चिम दिशा में पटाकर बना सकते हैं और कोशिश करें कि इस शौचालय की दीवारों का रंग काला रखें अगर आपके शौचालय में प्लास्टिक है. अगर मक्का रखा है तो उसकी जगह स्टील का बर्तन रख सकते हैं, ऐसा करने से शौचालय से जुड़े कई वास्तु दोष दूर हो जाएंगे.