पित्ताशय की पथरी:- हमारे पेट के दाहिनी ओर लिवर के ठीक नीचे एक छोटा नाशपाती के आकार का अंग है। पित्ताशय में पित्त नामक एक पाचन द्रव होता है जो आपकी छोटी आंत में छोड़ा जाता है। पित्त में अगर किसी तरह की परेशानी हो जाए, तो इससे आपके समग्र स्वास्थ्य पर असर पड़ता है। पित्त की थैली में पथरी में काफी ज्यादा असहनीय दर्द होता है। अगर आप लंबे समय से इस दर्द की परेशानी से जूझ रहे हैं, तो इसे कम करने के लिए आप कुछ नैचुरल उपायों का सहारा ले सकते हैं। इसमें आंवला का छोटा सा बीज काफी ज्यादा असरदार हो सकता है। जी हां, आंवला का बीज आपकी पित्त की थैली की पथरी का इलाज करने में असरदार है।
पित्थ की थैली में पथरी होने पर आंवला के बीजों का सेवन करें। आंवला का बीज एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटी-इंफ्लेमेटरी जैसे गुणों का भंडार होता है, जो आपकी पाचन क्रिया प्रणाली को बूस्ट कर सकता है। साथ ही इसमें फाइबर की भी अच्छी मात्रा होती है, जो आपके पित्त की थैली में होने वाली पथरी का इलाज कर सकता है।
आंवला के बीजों का सेवन करने से आप गैस्ट्रिक की परेशानी को कम कर सकते हैं। इसमें विटामिन सी की अच्छी मात्रा होती है, जो जमा कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम कर सकता है। पथरी कोलेस्ट्रॉल का ही जमाव होता है। अगर आप पित्त की थैली में पथरी का इलाज करना चाहते हैं, तो इसका सेवन कर सकते हैं।
आवला के बीजों को अच्छी तरह से कूटकर बारीक पीस लें। पीसे हुए चूर्ण को एक जार में भरकर रख दें। इसके बाद इस चूर्ण का सेवन रोजाना सुबह साफ गुनगुने पानी के साथ करें। इससे पाचन संबंधी तकलीफें दूर हो सकती है। साथ ही यह पित्त की पथरी का इलाज करने में प्रभावी हो सकता है।