रायबरेली:- आयुर्वेद में वनस्पतियों के विविध स्वरूपों का रोग चिकित्सा के लिए उपयोग किया जाता है. यूं तो भारत में बहुत सारी वनस्पतियां अथवा जड़ी बूटियां है.
हर वानस्पतिक औषधि का अपना एक अलग ही महत्व है. हम बात कर रहे हैं, एक ऐसी औषधीय की जो खेत ,खलिहानों नालों या खाली मैदान में पाया जाता है. उसे हम लोग आम बोल चाल की भाषा में घमरा कहते है. लेकिन आयुर्वेद में उसे भृंगराज कहते हैं.
ये कोई साधारण पौधा नहीं बल्कि एक औषधि पौधा होता है. जो बरसों से आयुर्वेद में औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है. लेकिन जानकारी के अभाव में लोग इसे खरपतवार समझ कर नष्ट कर देते हैं. आयुर्वेद के जानकार बताते हैं, कि आयुर्वेद में भृंगराज को केशव राज कहा जाता है.जो बालों की तमाम समस्याओं के लिए एक रामबाण औषधि के रूप में कार्य करता है .
बालों के लिए रामबाण औषधि है भृंगराज
रायबरेली की आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. आकांक्षा दीक्षित बताती है, कि भृंगराज को आम बोलचाल की भाषा में घमरा कहा जाता है. जिसे आयुर्वेद में भृंगराज के नाम से जाना जाता है यह एक औषधीय पौधा होता है. जिसके तेल का बालों में लगाने से हमे कई प्रकार से फायदा पहुंचता है. इसके इस्तेमाल से बालों को सफेद होने से बचाता है, बालों की ग्रोथ को बढ़ाता है, साथ ही बालों को झड़ने से रोकता है ,डैंड्रफ से भी छुटकारा दिलाता है.
ऐसे करे उपयोग
डॉ. आकांक्षा दीक्षित बताती है कि किसी बड़े बर्तन में सरसों या नारियल का तेल डालकर गर्म करें और उसी में भृंगराज की पत्तियां या पाउडर डाल दें तब तक पकाएं जब तक की मिश्रण का रंग हरा न हो जाए. उसके उपरांत उसे उसी बर्तन में रखा रहने दें भृंगराज अपना पूरा सत्व उस तेल में छोड़ दें. इसके बाद तेल को हल्का गुनगुना कर अपने बालों में शाम के समय लगा लें और सुबह होने पर इसे धूल दें ऐसा करने से आपके बालों को काफी फायदा होगा.