नई दिल्ली:- भारत में चार तरह के जहरीले सांप हैं. ये हर साल हजारों लोगों को डंसते हैं और कई लोगों की मौत हो जाती है. अगर किसी को डंस लें तो ये जान पाना काफी मुश्किल होता है कि सांप जहरीला था या नहीं. लेकिन एक्सपर्ट ने 4 ऐसे तरीके बताए हैं, जिनसे आप इन्हें आसानी से पहचान जाएंगे. इससे भी जरूरी बात, अगर सांप ने डंस लिया तो बिना कुछ सोचे अस्पताल जाएं.
सांप की आंखें बता सकती हैं कि वह जहरीला है या नहीं. विषैले सांपों की पुतलियां आम तौर पर कटी हुई या अंडाकार होती हैं, जबकि गैर विषैले सांपों की पुतलियां आमतौर पर गोल होती हैं. बिल्ली की आंख की तरह, अधिकांश विषैले सांपों की पुतलियां पतली, काली, ऊर्ध्वाधर होती हैं जो पीले-हरे नेत्रगोलक से घिरी होती हैं. हालांकि, इसमें भी कुछ अपवाद है. जैसे मूंगा सांप की पुतलियां गोल होती हैं. इसलिए अगर आपका सामना सांप से हो जाए तो दूर रहना ही बेहतर है. उसे पहचानने की कोशिश न करें.
गैर विषैले सांपों का सिर गोल
terminix की रिपोर्ट के मुताबिक, गैर विषैले सांपों का सिर गोल होता है, जबकि विषैले सांपों का सिर अधिकतर त्रिकोणीय आकार का होता है. जहरीले सांप के सिर का आकार शिकारियों को डरा सकता है. हालांकि, कुछ गैर विषैले सांप भी अपने सिर को चपटा करके गैर विषैले सांपों के त्रिकोणीय आकार की नकल करते हैं, ताकि शिकारी भाग जाएं. ज्यादातर विषैले सांपों के सिर पर छेद यानी एक तरह का गड्ढा होता है. उनके थूथन पर दो गड्ढे दिखाई देते हैं. इसी से सांप शिकार का पता लगाते हैं. इसलिए भले ही सांप मर गया हो या सिर काट दिया गया हो, सिर को छूने से बचें. इसका खतरा हो सकता है.
एक और तरीका उनका व्यवहार
जहरीले सांपों को पहचानने का एक और तरीका उनका व्यवहार है. हालांकि, सिर्फ एक्सपर्ट ही इनमें फर्क कर सकते हैं. विषैले सांप जब किसी को करीब आते देखते हैं तो जोर से फुफकार मारते हैं. वे डराने की कोशिश करते हैं. पूंछ तेजी से हिलाने लगते हैं. ज्यादातर विषैले सांप पानी के करीब रहना पसंद करते हैं. लेकिन इंडियन सांपों में यह व्यवहार अलग होता है. वे गर्म जगहों पर भी रहते हैं. रंग से भी आप इन्हें पहचान सकते हैं. जैसे भारत में मिलने वाले ज्यादातर विषैले सांप पीले, भूरे और काले रंग के होते हैं. लेकिन फिर भी इनकी पहचान करने से ज्यादा अच्छा है कि आप दूर ही रहें.