कर्नाटक :– गडग जिले के लक्ष्मेश्वर कस्बे में होली के दिन एक दहलाने वाली घटना सामने आई। बाइक सवार अज्ञात बदमाशों ने स्कूल बस का पीछा कर स्कूली छात्राओं पर जहरीले रंग फेंक दिए, जिससे सात छात्राओं की तबीयत बिगड़ गई। इनमें से चार की हालत गंभीर बताई जा रही है। घटना के बाद इलाके में गुस्सा और आक्रोश है, वहीं पुलिस ने बदमाशों की तलाश के लिए बड़ी छानबीन शुरू कर दी है। इस घटना ने सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
घटना उस समय हुई जब छात्राएं बस स्टैंड पर अपनी स्कूल बस का इंतजार कर रही थीं। होली के मौके पर बाइक सवार बदमाश वहां पहुंचे और छात्राओं पर रंग फेंकना शुरू कर दिया। घबराकर लड़कियां जैसे-तैसे बस में चढ़ गईं, लेकिन मामला यहीं नहीं रुका। बदमाशों ने बस का पीछा किया, जबरन उसमें चढ़कर सात लड़कियों को अपना शिकार बनाया। उन पर खतरनाक रसायन मिले रंग डाल दिए, जिससे वे बेहोश होने लगीं और उनकी सांस फूलने लगी। इसके बाद बदमाश फरार हो गए और छात्राओं की हालत बिगड़ती चली गई।
अस्पताल में भर्ती, जहरीले केमिकल का खुलासा
रंग गिरते ही छात्राओं को घबराहट, सांस लेने में दिक्कत और सीने में जलन महसूस होने लगी। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि चार छात्राओं को तुरंत गडग इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (GIMS) रेफर करना पड़ा, जबकि बाकी का इलाज स्थानीय अस्पताल में चल रहा है। डॉक्टरों ने जांच में पाया कि हमलावरों ने रंग में फिनाइल, अंडे, गोबर और अन्य रसायन मिलाया था, जिससे छात्राओं की तबीयत बिगड़ गई। यह खुलासा होने के बाद इलाके में सनसनी फैल गई और लोग घटना की निंदा करने लगे।
पुलिस की जांच तेज, बदमाशों की तलाश जारी
इस हमले के बाद स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है। छात्राओं के माता-पिता अस्पताल पहुंचकर रो-रोकर इंसाफ की मांग कर रहे हैं। पुलिस ने बयान जारी कर कहा कि जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा। बदमाशों की पहचान के लिए पुलिस सीसीटीवी फुटेज और बस यात्रियों के बयान खंगाल रही है। लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या अब स्कूल जाने वाली लड़कियां भी सुरक्षित नहीं हैं? यह घटना सिर्फ एक अपराध नहीं, बल्कि सुरक्षा तंत्र की विफलता का बड़ा उदाहरण है। अब देखना होगा कि पुलिस कब तक दोषियों को पकड़कर सजा दिला पाती है।