लेन-देन के लिए घंटों बैंकों में कतारों में खड़े रहने का दिन अब खत्म हो चुका है, क्योंकि यूनाइटेड पेमेंट इंटरफेस यानी यूपीआई ने उसकी जगह लेली है। आज कल यूपीआई, नेट बैंकिंग, मोबाइल वॉलेट ने बैंकिंग ट्रंजेक्शन की परेशानी को काफी हद तक कम कर दिया है। ऑनलाइन पेमेंट से बैंकों की लाइनो में भारी कमी आई है।
हालांकि, ऑनलाइन पेमेंट की बढ़ती लोकप्रियता के साथ, जोखिम भी बढ़ गए हैं। कई बार पैसे ट्रांसफर करते समय.. पैसा गलत खाते में ट्रांसफर कर दिया जाता है। कई बार धोखाधड़ी भी हो जाती है। हालांकि, गलती से दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर किया गया पैसा अब वापस मिल सकता है। ऐसा करने का एक आसान तरीका यहां बताया गा है। आइए जानते हैं क्या है वो तरीका…
आरबीआई की नई गाइडलाइंस…
आरबीआई के नए दिशानिर्देशों के अनुसार, बैंक अब 48 घंटों के अंद आपके पैसे वापस करने का जिम्मेदार होगा। अगर बैंक पैसे की वसूली में मदद नहीं करता है, तो ग्राहक Bankingombudsman.rbi.org.in पर जाकर शिकायत कर सकता है। अगर गलती से दूसरे अकाउंट में पैसा ट्रांसफर हो गया है तो बैंक को लेटर के जरिए शिकायत भी भेजी जा सकती है। हालांकि, इसमें कुछ प्रक्रिया शामिल है। जिसमें आप अपना अकाउंट नंबर, अकाउंट होल्डर का नाम, IFSC कोड, ट्रांजेक्शन की तारीख और अमाउंट दर्ज करेंगे। इसके अलावा शिकायत में दूसरे खाते का कुछ विवरण होना जरूरी है।
कानूनी प्रक्रिया
अपना पैसा वापस पाने का एक कानूनी तरीका भी है। इस प्रोसेस में उस व्यक्ति के खिलाफ भी मामला दर्ज किया जा सकता है जिसके खाते में गलती से पैसा ट्रांसफर हो गया है और उसे वापस करने से इनकार कर दिया है। हालांकि, पैसे का पेमेंट न करने की स्थिति में इस अधिकार को रिजर्व बैंक के मानदंडों का उल्लंघन माना जाएगा। भारतीय रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों के अनुसार, लाभार्थी के खाते के बारे में सही जानकारी प्रदान करना लिंकर की जिम्मेदारी है। किसी भी कारण से लिंकर गलत होने पर बैंक जिम्मेदार नहीं होगा।