केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ में नक्सल की समस्या को लेकर बड़ी बैठक की. इस बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि वामपंथी नक्सलवाद पर कड़ाई से अंतिम प्रहार का समय आ गया है. यह लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ी चुनौती है. पिछले कुछ सालों में नक्सली घटनाओं में 17 हजार लोगों की जान गई है. भारत सरकार पूरे वामपंथी उग्रवाद के क्षेत्र के विकास के लिए पूरी तरह कटिबद्ध है. वामपंथी उग्रवाद की जगह अब हमने विकास की बयार बहाने में सफलता पाई है. 2026 तक देश से नक्सलवाद का सफाया हो जाएगा
.उन्होंने कहा कि बिहार, झारखंड, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, एमपी और कमोवेश महाराष्ट्र नक्सवाल वाद से मुक्त हो गए हैं. ये भारत सरकार की बहुत बड़ी उपलब्धि है. देश में नक्सली घटनाओं में 53 फीसदी की कमी आई है. मौत के आंकड़ों में 70 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है.‘छत्तीसगढ़ में सिक्योरिटी वैक्यूम कम हुआ’मुख्यमंत्री संग नक्सल प्रभावित अधिकारियों की बैठक में अमित शाह ने कहा कि नक्सल प्रभावित इलाकों में 2014 से अब तक 273 नए सिक्युरिटी कैंप बने हैं. पिछले एक साल में गृह मंत्रालय की एयर विंग को मजबूत किया गया है. हेलीकॉप्टर और एरोप्लेन मुहैया कराए गए हैं. छत्तीसगढ़ में सिक्योरिटी वैक्यूम कम हुआ है. यहां की सरकार बहुत अच्छा काम कर रही है.
राज्य के गृहमंत्री की तारीफउन्होंने आगे कहा कि अगर हिडमा के गांव में छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री आधार कार्ड बांटते हैं तो ये गर्व की बात है. इस साल नक्सल समस्या से निपटने के लिए सबसे अच्छे परिणाम सामने आए हैं. आज हमारे सीएपीएफ वामपंथियों से मोर्चा लेने के साथ साथ विकास की भी रखवाली कर रहे हैं. पूरे छत्तीसगढ़ में कनेक्टिविटी बहुत ज्यादा बढ़ी है.नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई अब अंतिम चरण मेंहिडमा क्षेत्र में पहली बार बैंक, एटीएम, पोस्ट ऑफिस जैसी चीजें पहुंचना शुरू हुई हैं. कौशल विकास के लिए 48 आईटीआई खोलने का लक्ष्य रखा था, उसमें से 46 खोल दिए गए हैं. मुझे विश्वास है कि हमारी लड़ाई अब अंतिम चरण में पहुंच गई है और हम देश को मार्च 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह से खत्म कर देंगे.