: यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कांवड़ यात्रा के रूट पर आने वाली दुकानों के दुकानदारों को अपनी ‘नेमप्लेट’ लगाने के आदेश दिए हैं। इसी कड़ी में मध्यप्रदेश की बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन के साधु-संतों ने भी इसे सही बताया है। हालांकि, डिटेल और नेमप्लेट वाला आदेश उज्जैन नगर निगम एक साल पहले ही दे चुका है, लेकिन इस आदेश पर ध्यान नहीं दिया गया। अब साधु-संतों ने कह दिया है कि इस मामले पर किसी को भी आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में मंदिर के पास 300-400 होटल बने हुए हैं। महाकाल लोक बनने के बाद से ही यहां देशभर से भक्तों का तांता लगा हुआ है। इसी को देखते हुए आसपास के लोगों ने अपने घरों को छुपाने के लिए गेस्ट हाउस बना लिए हैं। जब इन होटलों के मालिकों के बारे पता लगाया गया है तो कई सनसनीखेज जानकारियां सामने निकलकर आई। यहां पर कई होटलों का संचालन मुस्लिम समाज के लोग करते हैं, लेकिन होटलों का नाम हिंदू या हिंदू धर्म से जुड़े भगवान के नाम होते हैं। कई होटल तो यहां बाबा महाकाल के नाम से ही चलाए जा रहे हैं।पूर्व सीएम शिवराज सिंह ने साइन बोर्ड का रखा था प्रस्तावपूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने विक्रमोत्सव के समय कार्यक्रम में कहा था कि उज्जैन एक धार्मिक नगरी है। यहां पर दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। होटल, रेस्टोरेंट, लॉज और दुकान संचालकों ने अंग्रेजी में साइन बोर्ड लगा रखे हैं।
उन्होंने उस दौरान अपील की थी कि साइन बोर्ड का प्रयोग हिंदी भाषा में करें। विकल्प के तौर पर अंग्रेजी भाषा का इस्तेमाल किया जा सकता है।नगर निगम के एमआईसी में रखा गया था प्रस्तावउज्जैन नगर निगम के एमआईसी में इस प्रस्ताव पर नगर निगम परिषद ने अपनी ओर से दुकान या होटल संचालकों के मालिक का नाम और मोबाइल नंबर जोड़ने का प्रस्ताव रखा गया था। इसके साथ ही यह भी तय किया गया था कि जो लोग भी महाकाल मंदिर के अगल-बगल में होटल, रेस्टोरेंट, लॉज या रेस्ट हाउस संचालित करते हैं तो उनके प्रोपराइटर का नाम स्पष्ट रूप से लिखा होना चाहिए। इसके साथ ही उनका मोबाइल नंबर भी साइन बोर्ड पर लिखा होना चाहिए।
बीजेपी विधायक ने ‘नेमप्लेट’ वाले प्रस्ताव का किया समर्थनबीजेपी विधायक रमेश मेंदोला ने सीएम डॉ मोहन यादव को लिखते हुए कहा है कि “किसी भी व्यक्ति का नाम उसकी पहचान होती है। व्यक्ति को अपने नाम पर गर्व होता है।