नई दिल्ली: टीम इंडिया के रन मशीन विराट कोहली का बल्ला भले इन दिनों शांत चल रहा हो लेकिन फिटनेस के मामले में खिलाड़ी आज भी हिट हैं. BCCI के सीईओ हेमांग अमीन द्वारा तैयार की गई नवीनतम एनसीए रिपोर्ट ने इस बात को साबित कर दिया है.
एनसीए की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय टीम में चोट का संकट अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर है. केंद्रीय अनुबंध रखने वाले 28 क्रिकेटरों में से 23 ने 2021-22 के सत्र में एनसीए का दौरा किया है. सूची से बाहर होने वाले इकलौते प्लेयर विराट कोहली हैं जो तीनों प्रारूपों में खेलते हैं.
कोहली ने पिछले एक साल में चोट संबंधित मामलों के चलते केवल साउथ अफ्रीका के खिलाफ दूसरे टेस्ट गंवाया था. फॉर्म में बड़ी गिरावट के बावजूद 33 साल की उम्र में भी चोट इस भारतीय स्टार के लिए चिंता का विषय नहीं रही है. हालांकि, तरोताजा रखने के लिए पिछले 12 महीनों में उन्हें लगातार ब्रेक मिले हैं.
विराट कोहली को पिछले एक साल में कभी भी चोट या फिटनेस से संबंधित मुद्दों के लिए बेंगलुरु के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ी. एक सूत्र ने पीटीआई को बताया, ‘सच कहूं तो इनमें से बहुत सी चोटें मैदान पर थीं.
सूर्या जैसे प्लेयर्स काफी अनलकी रहे जिन्हें फ्रैक्चर हुआ था. कुछ के पास अलग-अलग समय पर कई मुद्दे थे. लेकिन कोहली को फिटनेस के मामले में श्रेय देना होगा. उन्होंने खुद को इतना फिट रखा है कि कभी भी हैमस्ट्रिंग या मांसपेशियों से संबंधित कोई चोट नहीं आई है.’