केन्द्र सरकार ने कामगारों और श्रमिकों को रोजगार देने का मसौदा तैयार कर लिया है. 17 सितंबर आने में सिर्फ 6 दिन शेष बचे हैं. जब प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रीय राजधानी में इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर, द्वारका में इस योजना का शुभारंभ करेंगे.
योजना के लॅान्च होने के बाद लाभार्थियों को रियायती दरों पर ब्याज मुहैया कराने के साथ 15 हजार रुपए प्रोत्साहन के रूप में मिलेंगे. यही नहीं कारीगरों को हर महीने अधिकतम 100 ट्रांजेक्शन के लिए हर ट्रांजेक्शन पर 1 रुपये के हिसाब से भी पैसा मिलेगा. योजना खासकर गरीब तबके के लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए शुरू की जा रही है.
आखिर क्या है विश्कर्मा योजना?
विश्वकर्मा योजना केन्द्र सरकार की जनहितकारी योजना है. जिसके तहत अपना कारोबार शुरू करने के लिए सरकार कारिगरों और श्रमिक वर्ग के लोगों को लोन मुहैया कराएगी. पहले चरण में 1 लाख का लोन कामगारों को मिलेगा. जबकि दूसरे चरण में 2 लाख रुपए का किफायती लोन प्रोवाइड कराती है. विश्वकर्मा योजना के तहत कुल 18 प्रकार के रोजगारों को शामिल किया गया है. इसके पीछे सरकार का उद्देश्य गरीब लोगों को आत्मनिर्भर बनाना है. ताकि वे अपना रोजगार करके अपनी गुजर-बसर ठीक प्रकार से कर सकें. 17 सितंबर को स्वयं प्रधानमंत्री स्कीम की शुरुआत एक्सपो के माध्यम से करेंगे.
ये काम किये गए योजना में शामिल
केन्द्र सरकार के मुताबिक “लोहार, कुम्हार, राज मिस्त्री, धोबी, फूलों का काम करने वाले, मछली का जाल बुनने वाले, ताला-चाबी बनाने वाले, मूर्तिकार आदि को शामिल किया गया है,,. यही नहीं कुछ अन्य क्षेत्र के श्रमिकों को भी योजना के माध्यम से लाभ दिया जाएगा. योजना के तहत दिये जाने वाले लोन पर ब्याज दर बहुत ही कम निर्धारित की गई है. सिर्फ 5 फीसदी की दर पर सभी कामगारों को लोन दिया जाएगा. साथ ही इन कारीगरों ओर शिल्पकारों को पीएम विश्वकर्मा प्रमाणपत्र और पहचान पत्र भी दिए जाएंगे. यही जरूरी उपकरण खरीद के लिए 15 हजार रुपए के उपकरण भी दिये जाएंगे.