नई दिल्ली:– इस योजना के लिए तो केजरीवाल ने खुद रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरवाना शुरू किया था। लेकिन, बाद में भाजपा ने वादों की ऐसे झरी लगाई कि आम आदमी पार्टी अपनी तैयार की गई सियासी जमीन पर चित हो गई।
भाजपा का ने आप के कमजोरी का ऐसे उठाया फायादा
भाजपा को आप के 2100 रुपये के बदले दिल्ली की महिलाओं को 2500 रुपये देने के वादे का कितना फायदा हुआ, यह तो डिटेल सर्वे आने के बाद ही पता चलेगा। पर, पंजाब विधानसभा चुनाव में हर महिला को 1100 रुपये देने का वादा पूरा नहीं करके आम आदमी पार्टी ने अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मार ली है। भारतीय जनता पार्टी ने इसी चीज को चुनावी मुद्दा बनाकर आप के खिलाफ नया चाल चल दिया, जिसका असर यह हुआ कि आम आदमी पार्टी अपने ही गढ़ में चित हो गई।
कैसे वादा निभा पाएगा पंजाब सरकार?
यह बात तो साफ है कि दिल्ली के चुनाव परिणाम आने के बाद से पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार भारी दबाव में है। ऐसे में पंजाब के सारे आप विधायक दिल्ली दरबार में तलब किए जा चुके हैं। आम आदमी पार्टी में डर बैठक चुका है कि जब दिल्ली ही हाथ से निकल चुकी है तो पंजाब तो कभी भी कमजोर कड़ी साबित हो सकता है। क्योंकि, यहां बैकफ्रंट पर कांग्रेस की पकड़ बहुत मजबूत है।
पंजाब में आप सरकार के लिए बढ़ रही मुश्किलें
इस कारण से पंजाब में आप सरकार की हालत और खराब होती दिख रही है। आप में माथापच्ची जारी है कि किस तरह से तीन साल पहले किए गए चुनावी वादों को पूरा किया जाए। पंजाब सरकार के साथ समस्या यह है कि सरकार के खजाने पर पहले ही बहुत सारा कर्ज का बोझ पड़ा है। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबकि, आम आदमी पार्टी के दिल्ली यूनिट के खर्चा को कुछ हिस्सा पंजाब से ही आता था। पर अब पंजाब सरकार पर चुनावी वादों को पूरा न करने का अलग से आरोप है।
इतना बढ़ सकता है पंजाब सरकार का कर्ज
टीओआई की एक रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2024-25 के आखिर तक राज्य पर कर्ज का बोझ बढ़कर 3.7 लाख करोड़ तक पहुंच सकता है, जो कि 8 लाख करोड़ रुपये की प्रदेश की जीडीपी के 46% से भी ज्यादा है।
हर महिला को 1100 रुपये देने पर पंजाब सरकार के खजाने पर कितना असर पड़ेगा?
दरअसल, अनुमानों के मुताबिक अगर पंजाब सरकार ने 18 साल से ऊपर की हर महिला को 1100 रुपये देना शुरू किया तो उसे मोटे तौर पर हर महीने 12000 करोड़ रुपये की जरूरत पड़ेगी। ऐसी स्थिति में संकेत मिल रहे हैं कि पंजाब की आप सरकार अपने चुनावी वादे में थोड़ा बहुत बदलाव भी कर सकती है, ताकि वादाखिलाफी के आरोपों का भी हल निकल जाए और खजाना सफा-चट भी न हो।