नई दिल्ली:– हर साल की तरह इस साल भी माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का त्यौहार मनाया जाएगा. बसंत पंचमी को श्री पंचमी भी कहा जाता है. इस दिन ज्ञान, कला और विद्या की देवी माता सरस्वती की पूजा की जाती है. बसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती की पूजा करना विशेष फलदायी भी माना गया है. लेकिन, इसकी एक विधि है. विधिपूर्वक पूजा से जीवन में सफलता मिलती है.
देवघर बैद्यनाथ मंदिर के प्रसिद्ध तीर्थ पुरोहित प्रमोद श्रृंगारी ने लोकल 18 को बताया कि इस साल 3 फरवरी को बसंत पंचमी का त्योहार पूरे देश में मनाया जाएगा. माता सरस्वती को सफेद चीजे बेहद प्रिय हैं. बसंत पंचमी के दिन जातक को सफेद वस्त्र पहनकर सफेद रंग के पुष्प के साथ ही दूध से बने भोग अर्पण करने चाहिए. ऐसा करने से माता सरस्वती बेहद प्रसन्न होती हैं.
इस तरह करें माता सरस्वती की पूजा
सुबह स्नान कर पूजा स्थल पर गंगाजल से छिड़काव करें. साथ ही वहां पर चौकी पर पीला या सफेद वस्त्र बिछाकर माता सरस्वती की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें. उसके बाद भगवान गणेश और नवग्रह की पूजा करें. बाद में मां सरस्वती की पंचोपचार विधि से पूजा करे. इसमें सबसे पहले केसर, चंदन जैसे अष्टगंध लगाएं. फिर माता सरस्वती को पीला या सफेद पुष्प अर्पण करें. मां को धूप-दीप दिखाएं और सरस्वती वंदना का मंत्र पढ़ें. फिर मां को सफेद या पीला भोग लगाएं जैसे दूध से बनी खीर, केसर के लड्डू, बेर इत्यादि. भोग लगाने के बाद माता सरस्वती की आरती करें. इस विधि से आप अपने घर, स्कूल, कॉलेज इत्यादि में सरस्वती पूजा कर सकते हैं. इससे माता सरस्वती बेहद प्रसन्न होती हैं.