असम में जापानी एंसेफिलाइटिस का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है. जून और जुलाई के महीनों में इस बीमारी के 424 मामले सामने आए हैं, जिसमें 29 लोगों की मौत हो गई है. यह बीमारी मच्छरों के काटने से फैलती है और दिमाग में सूजन पैदा करती है. इस साल, खासकर जुलाई में मामले तेजी से बढ़े हैं, जिससे स्थिति चिंताजनक हो गई है. राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को मच्छरों से बचाव करने और सावधानी बरतने की सलाह दी है. सरकार भी इस बीमारी के फैलाव को रोकने के लिए कदम उठा रही है.
जापानी एंसेफिलाइटिस क्या है?जापानी एंसेफिलाइटिस एक खतरनाक बीमारी है जो मच्छरों के काटने से फैलती है. यह बीमारी जापानी एंसेफिलाइटिस वायरस से होती है, जो एशिया के कई हिस्सों में पाया जाता है. जब मच्छर इस वायरस से संक्रमित हो जाते हैं और फिर किसी इंसान को काटते हैं, तो यह वायरस उस इंसान के शरीर में चला जाता है और उसे बीमार कर देता है.
कैसे फैलती है यह बीमारी?जापानी एंसेफिलाइटिस सीधे एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलती. यह मच्छरों के जरिए फैलती है, जो आमतौर पर संक्रमित सूअर या पक्षियों का खून चूसने के बाद इंसानों को काटते हैं. खासतौर पर, यह बीमारी उन इलाकों में ज्यादा होती है जहां जलभराव, धान के खेत, या गंदगी होती है. मच्छर इन जगहों पर तेजी से पनपते हैं, जिससे इस बीमारी का खतरा बढ़ जाता है.
जापानी एंसेफिलाइटिस के लक्षण
इस बीमारी के लक्षण शुरुआत में हल्के हो सकते हैं, लेकिन कुछ दिनों में ये गंभीर रूप ले सकते हैं.तेज बुखार: अचानक बहुत तेज बुखार आना.सिरदर्द: सिर में तेज दर्द महसूस होना.उल्टी: बार-बार उल्टी आना या मतली महसूस होना.दिमागी समस्याएं: कभी-कभी दिमाग में सूजन की वजह से बेहोशी, दौरे या बोलने-समझने में दिक्कत हो सकती है.ये लक्षण शुरुआत में मामूली लग सकते हैं, लेकिन जैसे-जैसे बीमारी बढ़ती है, ये गंभीर हो सकते हैं और मरीज की जान को खतरा हो सकता है.
जापानी एंसेफिलाइटिस से बचावमच्छरों से बचाव: मच्छरदानी का उपयोग करें और मच्छर भगाने वाली क्रीम या स्प्रे का इस्तेमाल करें.साफ-सफाई रखें: घर के आस-पास पानी जमा न होने दें, ताकि मच्छर पनप न सकें.टीकाकरण: इस बीमारी से बचने के लिए टीका उपलब्ध है. खासकर उन लोगों को टीका जरूर लगवाना चाहिए जो उन क्षेत्रों में रहते हैं जहां इसका खतरा ज्यादा है. जरूरी जानकारी जापानी एंसेफिलाइटिस एक गंभीर बीमारी है, लेकिन सही जानकारी और सावधानी बरतकर इससे बचा जा सकता है. अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. मच्छरों से बचाव और साफ-सफाई का ध्यान रखकर आप इस बीमारी से खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रख सकते हैं.