नई दिल्ली। प्रियंका से पहले कई बॉलीवुड सितारे सरोगेसी से पैरेंट बन चुके हैं. जिनमें प्रीति जिंटा, शिल्पा शेट्टी, शाहरुख खान, आमिर खान, करण जौहर, एकता कपूर और तुषार कपूर जैसे स्टार शामिल हैं। ऐसे में कई लोग ऐसे हैं जिन्हें सरोगेसी क्या है, इस ट्रेंड का पता तो है लेकिन इसके बारे में पूरी जानकारी नहीं है. आइए, जान लेते हैं कि सरोगेसी प्रेगनेंसी क्या है और भारत में सेरोगेसी से पैरेंट बनने के क्या नियम हैं?
बच्चा पैदा करने के लिए जब कोई कपल किसी दूसरी महिला की कोख किराए पर लेता है, तो इस प्रक्रिया को सरोगेसी कहा जाता है,यानी सरोगेसी में कोई महिला अपने या फिर डोनर के एग्स के जरिए किसी दूसरे कपल के लिए प्रेग्नेंट होती है। सरोगेसी से बच्चा पैदा करने के पीछे कई वजहें होती हैं. जैसे कि कपल को कोई मेडिकल प्रॉब्लम, प्रेगनेंसी से महिला की जान को खतरा या फिर किसी वजह से महिला खुद प्रेगनेंट नहीं होना चाहती। अपने पेट में दूसरे का बच्चा पालने वाली महिला को सरोगेट मदर कहा जाता है।
सरोगेसी के लिए एक बच्चे की चाह रखने वाले कपल और सरोगेट मदर के बीच एक एग्रीमेंट किया जाता है, जिसमें प्रेगनेंसी से पैदा होने वाले बच्चे के लीगली माता-पिता सरोगेसी कराने वाले कपल ही होते हैं। सरोगेट मां को प्रेग्नेंसी के दौरान अपना ध्यान रखने और मेडिकल जरूरतों के लिए पैसे दिए जाते हैं। इसके अलावा भी बच्चे के जन्म लेने के बाद महिला की देखभाल और दूसरी जरूरतों के लिए पैसे या दूसरी मेडिकल सर्विस भी शामिल होती हैं। एग्रीमेंट में कपल अपने हिसाब से सेरोगेट मदर के लिए दूसरी सुविधाएंं और नियम भी रख सकता है। बेसिक बातोंं से अलग दोनों पार्टी की रजामंदी के बाद ही सेरोगेसी एग्रीमेंट को कम्पलीट माना जाता है। इसमें आमतौर पर दोनों पक्ष अपने-अपने वकील भी हायर करते हैं, जिससे फ्यूचर में कोई परेशानी न हो।