गर्मी, सर्दी और बारिश के मौसम में मच्छरों का प्रकोप पूरे देश में रहता है. मच्छरों की वजह से मलेरिया और डेंगू जैसी जानलेवा बीमारी तक लोगों को हो जाती है. इसी वजह से घरों में से मच्छरों को भगाने के लिए ऑल आउट, गुड नाइट और कछुआ छाप जैसी दवाओं का यूज आम हो गया है. इनकी बदौलत मच्छर से तो राहत मिल जाती है, लेकिन आपने कभी सोचा है कि इनका लोगों की सेहत पर क्या असर होता है?अगर इस बारे में आपने नहीं सोचा है, तो आपको जरूर जान लेना चाहिए, क्योंकि गुड नाइट, ऑल आउट और कछुआ छाप जैसी मच्छर भगाने की दवा आपकी सेहत पर भी बुरा असर डाल रही हैं.
इनका असर हाल ही तौर पर दिखाई नहीं देता, लेकिन एक अरसे बाद लोगों में तकलीफ दिखाई देना शुरू हो जाती है.मच्छर मारने वाली कॅाइल 100 सिगरेट के बराबरये भी पढ़ेंबर्तन धो-धोकर घिस गए हाथ तो ये मशीन करेगी काम आसान, ऑनलाइन मिलेगा ऑफरबर्तन धो-धोकर घिस गए हाथ तो ये मशीन करेगी काम आसान, ऑनलाइन मिलेगा ऑफरसचिन तेंदुलकर हुए डीपफेक का शिकार, वीडियो में किए गए फर्जी दावेसचिन तेंदुलकर हुए डीपफेक का शिकार, वीडियो में किए गए फर्जी दावेरिपब्लिक डे परेड देखने का है मन, इस तारीख तक ऑनलाइन बुक करें टिकटरिपब्लिक डे परेड देखने का है मन, इस तारीख तक ऑनलाइन बुक करें टिकटएक रिसर्च में दावा किया गया है कि मच्छर मारने की एक कॉइल 100 सिगरेट के बाराबर खतरनाक होती है, क्योंकि इसमें पीएम 2.5 धुआं निकता है. ठीक इसी तरीके से मच्छर मारने वाले लिक्विड भी हेल्थ के लिए काफी खतरनाक होते हैं.
मच्छर मारने का लिक्विड क्यों है खतरनाक?मच्छर माने के लिक्विड में कुछ ऐसे पदार्थ होते हैं, जो सांस के साथ अंदर जाते हैं और सांस लेने में दिक्कत करते हैं. अगर इस लिक्विड से निकलने वाला धुआं ज्यादा मात्रा में फेफंडों में चला जाता है तो दमा, गले में दर्द और सिर दर्द जैसी परेशानी हो सकती है.दरअसल मच्छर मारने वाले लिक्विड में एलेथ्रिन और एयरोसोल का मिक्चर होता है और बोलत में कार्बन इलेक्ट्रोड रोड डाली जाती है, जो गर्म होकर लिक्विड को हवा में वेपोरेट करती है और ये सांस के जरिए शरीर में प्रवेश कर जाता है. इसलिए डॉक्टर सलाह देते हैं कि मॉस्किटो किलर का कम-से-कम इस्तेमाल करना चाहिए. .