नई दिल्ली:– अपने बयानों को लेकर हमेशा चर्चा में रहने वाले विश्व प्रसिद्ध कथावाचक अनिरुद्धाचार्य महाराज एक बार फिर सुर्खियों में हैं। उन्होंने व्यास पीठ से भगवान शिव को लेकर ऐसी टिप्पणी की जिसके बाद पूरा संत समाज उनके खिलाफ खड़ा हो गया। जिसके बाद उन्हें माफी मांगनी पड़ी है।
कथावाचक अनिरुद्धाचार्य ने कहा था कि भगवान शिव वास्तव में श्री कृष्ण के साढू हैं क्योंकि कृष्ण का विवाह उज्जैन में हुआ था। अनिरुद्ध आचार्य ने कहा कि उन्होंने ऐसी कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन अगर उनके शब्दों से किसी व्यक्ति विशेष, संत समाज या अन्य श्रद्धालु का दिल दुखा है तो वह उनसे क्षमा मांगते हैं। उन्होंने कहा कि संत समाज के लोग बहुत बड़े संत हैं। उन्हें उन्हें अपना बच्चा मानकर माफ कर देना चाहिए।
आरोप है कि श्री कृष्ण की नगरी मथुरा के वृंदावन में कथा वाचक अनिरुद्धाचार्य महाराज ने भगवान शिव पर टिप्पणी की, जिसके बाद संत समाज में काफी रोष है। लेकिन यह टिप्पणी कब और कैसे की गई, इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं मिल पाई है।
भगवान शिव पर अनर्गल टिप्पणी करने बाद प्रसिद्ध कथावाचक अनिरुद्धाचार्य ने मांफी मांगी है. उन्होंने भगवान शिव को श्रीकृष्ण का साढू बताया था जिसके बाद संत समाज में काफी रोष देखने को मिला
संत समाज ने खोला मोर्चा
मिली जानकारी के अनुसार सोशल मीडिया के जरिए व्यास पीठ से अनिरुद्धाचार्य महाराज ने कहा था कि भगवान शिव कृष्ण के साढू हैं, क्योंकि कृष्ण का विवाह उज्जैन में हुआ था। उनके इस बयान के बाद संत समाज ने आक्रोशित होकर उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया था।
माफी मांगते हुए क्या बोले अनिरुद्धाचार्य
अब अनिरुद्धाचार्य महाराज ने एक वीडियो जारी कर पत्रकारों को बताया है कि उनके संज्ञान में आया है कि उन्होंने भगवान शिव को कृष्ण का साढू कहा है। अनिरुद्ध आचार्य ने कहा कि उन्होंने ऐसी कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन अगर उनके शब्दों से किसी व्यक्ति विशेष, संत समाज या अन्य भक्तों की भावना को ठेस पहुंची है तो वे उनसे क्षमा मांगते हैं। उन्होंने कहा कि संत समाज के लोग बहुत महान संत हैं। उन्हें उन्हें अपना बच्चा मानकर माफ कर देना चाहिए।