नई दिल्ली:– अगले महीने भारत के रक्षा और अंतरिक्ष क्षेत्रों के विशेषज्ञ और उद्योग जगत के अग्रणी DefSat 2025 सम्मेलन और एक्सपो में एकत्र होंगे। यह प्रतिष्ठित आयोजन 8 से 10 जनवरी 2025 तक नई दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में आयोजित होगा। इसका उद्देश्य रक्षा आधुनिकीकरण और भारत की बढ़ती अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं के बीच तालमेल स्थापित करना है।
DefSat 2025: थीम और मुख्य विषय
इस तीन दिवसीय सम्मेलन का विषय ‘मल्टी-डोमेन ऑपरेशन्स के लिए एकीकृत अंतरिक्ष क्षमताएं’ है। इसका फोकस आधुनिक युद्ध में अंतरिक्ष तकनीकों की भूमिका और उनकी रणनीतिक उपयोगिता पर होगा। ये तकनीकें भूमि, समुद्र, वायुमंडल, साइबरस्पेस और गृह सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान देंगी।
सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल पीजेएस पन्नू, वरिष्ठ सलाहकार, सैटकॉम इंडस्ट्री एसोसिएशन-इंडिया (SIA-India) ने कहा,
“डेफसैट 2025 अगली पीढ़ी की सैन्य तकनीकों पर प्रकाश डालेगा। इनमें क्वांटम की वितरण, गैर-घातक अंतरिक्ष युद्ध और एआई/एमएल-समर्थित समाधान शामिल हैं, जो भारत को भविष्य की रक्षा तैयारियों में अग्रणी बनाएंगे।”
विशेष आकर्षण
इस सम्मेलन की प्रमुख विशेषताओं में इंडस्पेस वॉरगेम 3.0 शामिल है। यह वॉरगेम अंतरिक्ष सुरक्षा से संबंधित चुनौतियों का अनुकरण करेगा और अंतरिक्ष संचालन की जटिलताओं को प्रदर्शित करेगा। इसके जरिए भारत की उभरती अंतरिक्ष क्षमताओं को उजागर किया जाएगा।
सहयोग और समर्थन
इस आयोजन की मेजबानी सैटकॉम इंडस्ट्री एसोसिएशन-इंडिया (SIA-India) कर रहा है। इसे रक्षा उत्पादन विभाग, रक्षा मंत्रालय, DRDO, न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड, और भारतीय अंतरिक्ष सोसायटी का समर्थन प्राप्त है। इसके अतिरिक्त, सेंटर फॉर लैंड वारफेयर स्टडीज ज्ञान सहयोगी के रूप में भाग ले रहा है।
भारत के लिए क्या है महत्व?
यह आयोजन न केवल उभरती अंतरिक्ष तकनीकों पर चर्चा का मंच बनेगा, बल्कि यह भारत के रक्षा क्षेत्र में नवाचार और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक मजबूत कदम साबित होगा।