नई दिल्ली:- दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में इस बार 60.45 प्रतिशत मतदान हुआ. इसके साथ ही दिल्ली के चुनावी रण में उतरे 699 प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम में कैद हो गया है. लेकिन, इस बार के चुनाव में हर बार की तरह कुछ ऐसी सीटें हैं, जिनके चुनाव परिणाम को लेकर दिल्ली के साथ-साथ दूसरे राज्यों के लोगों की नजरें होती हैं. इन सीटों पर दल बदल करने वाले नेता भी चुनाव मैदान में हैं.
दरअसल, इस बार के विधानसभा चुनाव में करीब 15 सीटें ऐसी हैं जो लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई हैं. मतदान होने से पहले और मतदान होने के बाद जब तक मतगणना नहीं हो जाती, लोग इन सीटों के परिणाम को लेकर अपना गुणा भाग करने में लगे हुए हैं. ऐसे में इन सीटों के बारे में जानना बहुत जरूरी हो जाता है. डेढ़ महीने तक चले चुनाव प्रचार के बाद दिल्ली की जनता ने मतदान के दौरान किसको चुना है, यह स्थिति 8 फरवरी को साफ हो जाएगी. आईए जानते हैं इन हॉट सीटों के बारे में…
नई दिल्ली सीट: दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से नई दिल्ली सीट सबसे ज्यादा हॉट सीट मानी जा रही है. इसके पीछे का कारण पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का यहां से लगातार चौथी बार चुनाव लड़ना. हालांकि, इस बार केजरीवाल के खिलाफ दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के पुत्र व भाजपा नेता प्रवेश वर्मा हैं. प्रवेश वर्मा एक बार विधायक और दो बार सांसद रह चुके हैं. इसके अलावा, कांग्रेस की ओर से दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के पुत्र दो बार सांसद रहे संदीप दीक्षित को प्रत्याशी बनाया. ऐसे में हर कोई नई दिल्ली विधानसभा सीट के चुनाव परिणाम को लेकर उत्सुक है.
कालकाजी सीट: कालकाजी विधानसभा सीट से मौजूदा मुख्यमंत्री आतिशी के चुनाव मैदान में होने और उनके सामने भाजपा द्वारा दक्षिणी दिल्ली से दो बार सांसद और पूर्व में तीन बार तुग़लकाबाद से विधायक रहे रमेश बिधूड़ी को प्रत्याशी बनाए जाने के कारण कालकाजी सीट भी चर्चा में है. कांग्रेस ने इस सीट से महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक अलका लांबा को प्रत्याशी बनाकर मामले को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश की है. ऐसे में कालकाजी सीट का चुनाव परिणाम जानने के लिए भी लोग लगातार गुणा भाग कर रहे हैं.
जंगपुरा सीट: जंगपुरा विधानसभा सीट दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के द्वारा चुनाव लड़ने के कारण हॉट सीट बन गई है. इस बार सिसोदिया अपनी परंपरागत सीट पटपड़गंज छोड़कर पर जंगपुरा से चुनाव लड़ रहे हैं. यहां से आप ने अपने दो बार के विधायक प्रवीन कुमार का टिकट काटकर मनीष सिसोदिया को प्रत्याशी बनाया है. इस वजह से ये सीट भी चर्चा के केंद्र में आ गई है. इस सीट पर सिसोदिया का मुकाबला भाजपा के प्रत्याशी तरविंदर सिंह मरवाह और कांग्रेस के फरहाद सूरी से है.
पटपड़गंज सीट: पटपड़गंज विधानसभा सीट दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा छोड़े जाने के कारण चर्चा में है. सिसोदिया ने इस बार
बल्लीमारान सीट: आम आदमी पार्टी की सरकार में मौजूदा कैबिनेट मंत्री इमरान हुसैन चौथी बार चुनाव मैदान में हैं. सरकार के मंत्री होने के चलते यह सीट भी हॉट सीट नहीं हुई है. इस सीट पर कांग्रेस ने हारून यूसुफ को टिकट दिया है. हारून यूसुफ भी दिल्ली सरकार में पहले मंत्री रह चुके हैं. इसलिए इस सीट के चुनाव परिणाम को लेकर भी लोगों में उत्सुकता बनी हुई है.
चांदनी चौक: इस चुनाव में कई सीटें ऐसी है जो चर्चाओं में लगातार बनी बनी हुई है, उनमें से एक विधानसभा सीट चांदनी चौक भी है. इस बार चांदनी चौक विधानसभा की सीट पर तीनों पार्टियों ने बड़े चेहरे पर दांव खेला है. इस सीट से भाजपा ने सतीश जैन को प्रत्याशी बनाया है, जबकि आम आदमी पार्टी के टिकट पर पुनरदीप साहनी चुनाव मैदान में हैं. वहीं, कांग्रेस ने मुदित अग्रवाल को टिकट दिया है.
सुल्तानपुर माजरा: इस विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी सरकार में मौजूदा मंत्री मुकेश अहलावत प्रत्याशी हैं. वहीं, भाजपा ने यहां से पहले मंगोलपुरी विधानसभा सीट से चुनाव लड़े कर्म सिंह कर्मा को टिकट दिया है. दिल्ली सरकार के मंत्री मुकेश अहलावत अपनी सीट बचा पाते हैं या नहीं इसको लेकर के सुल्तानपुर माजरा सीट भी चर्चा में है.
बाबरपुर सीट: बाबरपुर विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष गोपाल राय चुनाव मैदान में हैं. इतना ही नहीं गोपाल राय पिछले 10 साल से केजरीवाल की सरकार में कैबिनेट मंत्री भी हैं. इस वजह से इस सीट को भी हॉट सीट माना जा रहा है. इसलिए चुनाव परिणाम को लेकर भी लोग आपस में काफी चर्चा कर रहे हैं.
ग्रेटर कैलाश सीट: इस विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी की सरकार में कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज लगातार चौथी बार चुनाव मैदान में है. इसलिए यह सीट भी वीआईपी सीट बनी हुई है. देखना होगा कि इस बार सौरभ भारद्वाज चौथी बार चुनाव जीतने में सफल होते हैं या नहीं. इस सीट के परिणाम पर भी लोगों की नजर है.
ओखला सीट: दक्षिण पूर्वी दिल्ली की ओखला विधानसभा सीट दिल्ली की चर्चित सीटों में शामिल है. 1998 से 2013 तक हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का इस सीट पर दबदबा रहा. 1998, 2003 और 2008 में प्रवेज हाशमी कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ते रहे और जीतते रहे. 2013 में कांग्रेस की टिकट पर आसिफ मोहम्मद खान ओखला विधानसभा सीट से चुनाव लड़े और आम आदमी पार्टी प्रत्याशी को हराया. 2013 के बाद कांग्रेस इस सीट पर अपना दबदबा कायम रखने में कामयाब ना हो सकी. 2015 और 2020 में आम आदमी पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़े अमानतुल्लाह खान भारी वोटो से जीते.
बादली सीट: इस सीट से कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव द्वारा चुनाव मैदान में उतरने से यह सीट भी हॉट सीट बनी हुई है. देवेंद्र यादव ने प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद कांग्रेस में जान डालने की पूरी कोशिश की. उन्होंने अपने बलबूते दिल्ली न्याय यात्रा निकाल कर भी कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाने का प्रयास किया है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते इस सीट के चुनाव परिणाम पर भी लोगों की नजरें टिकी हुई हैं.
बिजवासन सीट: इस सीट से केजरीवाल की सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे कैलाश गहलोत चुनाव मैदान में हैं. केजरीवाल की सरकार में 5 साल तक मंत्री रहने के बाद अचानक चुनाव के समय में आम आदमी पार्टी को छोड़कर भाजपा शामिल हुए. कैलाश गहलोत इस बार नजफगढ़ की जगह बिजवासन सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. इनके अलावा, आम आदमी पार्टी से सुरेंद्र भारद्वाज और कांग्रेस से कर्नल देवेंद्र सिंह सहरावत प्रत्याशी हैं. देवेंद्र सिंह सहरावत की 2015 में आम आदमी पार्टी से इसी सीट से विधायक चुने गए थे. इस तरह एक तरह से भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशी आम आदमी पार्टी के एक पूर्व और एक मौजूदा विधायक हैं. ऐसे में इस सीट का परिणाम भी अहम माना जा रहा है.
नरेला: नरेला दिल्ली विधानसभा का निर्वाचन क्षेत्र कोड वन है. बाहरी दिल्ली का यह क्षेत्र तेजी से विकसित हो रहा है. यहां ग्रामीण और शहरी मिश्रित आबादी है. जल आपूर्ति और सड़कें प्रमुख मुद्दे हैं. नरेला से आम आदमी पार्टी के शरद चौहान, भारतीय जनता पार्टी के राज करण खत्री, और कांग्रेस की अरुणा कुमारी के बीच मुकाबला है. शरद चौहान मौजूदा समय में आम आदमी पार्टी के विधायक भी हैं.
पटेल नगर: पटेल नगर विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी के विधायक और कैबिनेट मंत्री रहे राजकुमार आनंद लोकसभा चुनाव के समय सरकार और पार्टी से इस्तीफा देकर बसपा में शामिल हो गए थे. उन्होंने बसपा से लोकसभा चुनाव भी लड़ा था. इसके बाद फिर भाजपा में शामिल हुए और पटेल नगर से भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा है. वहीं, पिछले चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रहे प्रवेश रत्न आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए थे. उन्होंने आम आदमी पार्टी से इस बार चुनाव लड़ा है. इस तरह से भाजपा और आप के बीच एक दूसरे के प्रत्याशियों की अदला बदली हुई है. अब जनता इस सीट का परिणाम देखने के लिए भी उत्सुक है कि आखिर इस अदला-बदली से दोनों प्रत्याशियों में से फायदे में कौन रहता है.
नांगलोई जाट: इस विधानसभा सीट से दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री रघुवेंद्र शौकीन तीसरी बार चुनाव मैदान में हैं. विधानसभा चुनाव से कुछ समय पहले ही उनको कैलाश गहलोत की जगह दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया था. इस वजह से यह सीट भी हाई प्रोफाइल सीट मानी जा रही है.