नई दिल्ली:– शनि देव सख्त मिजाज हैं. शनि का स्वभाव एक न्यायाधीश की तरह है जो सिर्फ सुबूतों पर बात करता है. जज्बातों की शनि के सामने कोई वैल्यू नहीं है. आप जैसा करते हैं, जिस तरह के कर्म करते हैं. शनि उसी के अनुसार आपको परिणाम देते हैं. यदि आपने अच्छे कार्य किए हैं तो शनि शुभ फल देंगे. वहीं खराब कर्म करने पर बुरे दिन दिखाएंगे.
शनि नाराज हैं कैसे लगाएं पता
शनि देव आपसे नाराज हैं. इस बात का पता जितनी जल्दी आपके लग जाए उतना ही आपके लिए अच्छा है. पानी सिर के ऊपर से गुजर जाने पर उपाय करने से कोई लाभ नहीं है. शनि देव जब नाराज होते हैं तो कुछ साइन देते हैं. इन संकेतों के समय रहते जान लेने में ही भलाई है. शनि जब खफा होते हैं तो जीवन में इन चीजों की परेशानियां प्रदान करते हैं-
धन की कमी
जीवन में परिश्रम करने पर भी पर्याप्त सफलता या धन की प्राप्ति नहीं होती है तो समझ लें कि शनि कहीं न कहीं कोई अड़चन डाल रहे हैं. इस स्थिति में किसी योग्य ज्योतिषी की सलाह लेनी चाहिए और अपनी कुंडली का परीक्षण कराना चाहिए. यदि कुंडली में शनि की महादशा, अंतर्दशा, साढ़े साती या ढैय्या की स्थिति बन रही है तो इससे संबंधित उपाय आरंभ कर देना चाहिए.
संबंधों में खराबी आना
शनि की अशुभता का सबसे पहले आपके संबंधों पर प्रभाव पड़ता है. पति, पत्नी, भाई, बहन, संतान, पिता, पुत्र के साथ आपके करीबी रिश्तेदार और मित्रों से रिश्ते खराब होने लगते हैं. जिस कारण लोग आपसे दूरी बना लेते हैं. एक तरह से आप अलग-थलग पड़ने लगते हैं. शनि के अशुभ होने के कारण तलाक, विवाद और कोर्ट कचहरी के मामले लग जाते हैं.
पद प्रतिष्ठा में हानि होना
अचानक से पद-प्रतिष्ठा में कमी आने लगे तो समझ लें कि कहीं न कहीं शनि खराब फल दे रहे हैं. करियर, जॉब में अड़चन आने लगे. उच्च पद पर आसीन होने के बाद भी मान सम्मान में कमी आने लगे तो शनि की स्तुति आरंभ कर देनी चाहिए और उन कार्यों से तौबा करनी चाहिए, जिनसे शनि देव भयंकर नाराज होते हैं.
शनि उन लोगों का वैभव नष्ट कर देते हैं जो पद पाकर अपनी शक्ति का गलत प्रयोग करते हैं. ऑफिस में अपने नीचे बैठे लोगों को परेशान करने लगते हैं. शासन-सत्ता की शक्ति पाकर जो लोग कमजोर और गरीबों को सताने लगते हैं, शनि उन्हें सबक सिखाकर ही मानते हैं.
किसी भी शक्ति प्रयोग लोगों की भलाई के लिए करना चाहिए. जो लोग इसका फायदा अपने हितों के लिए करने लगते हैं, उन्हें शनि समय आने पर कठोर दंड और कष्ट प्रदान करते हैं.
शनि के उपाय
शनि देव की नाराजगी के कारण यदि ऐसी स्थितियां जीवन में बन रही हों, तो बिना समय गंवाए सतर्क हो जाना चाहिए. शनि को ज्योतिष में तीनों लोक का न्यायाधीश बताया गया है. यदि शनि अशुभ हो जाएं तो सबसे पहले आत्म चिंतन करना चाहिए. जाने अंजाने में यदि आपने किसी को ठेस पहुंचाई है तो बिना शर्त उस व्यक्ति से माफी मांगने में देर न करें.
गलतियों के लिए क्षमा मांगे. क्षमा मांगने से कोई छोटा नहीं हो जाता है. शास्त्रों में लिखा है कि क्षमा मांगना श्रेष्ठ व्यक्तित्व की निशानी है. गीता में भी भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं व्यक्ति यदि क्षमा मांगना और क्षमा करना सीख ले तो सभी दुख नष्ट हो जाते हैं. क्षमा से ही भेदभाव और क्रोध को खत्म किया जा सकता है.
शनि महाराज ऐसे लोगों का कल्याण करते हैं जो स्वयं को गलतियों से दूर रखते हैं. पश्चाताप की अग्नि में तप कर जो निकलता है उसे शनि अपनी कृपा से तार देते हैं. अनुशासन में रहें. नियम-कानून का पालन करें. प्रकृति व पशु-पक्षियों का सरंक्षण करने वालों मृत्यु तुल्य कष्ट झेल रहे व्यक्ति की सेवा व सहायता करने वालों को शनि कभी हानि नहीं पहुंचाते हैं.