नई दिल्ली:– विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने 24 से 29 दिसंबर के बीच छह दिवसीय अमेरिकी दौरा किया, जहां उन्होंने नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा नामित राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइकल वाल्ट्ज से मुलाकात की। इस बैठक में दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका द्विपक्षीय साझेदारी और वैश्विक मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की। वाल्ट्ज, तीन बार सांसद रह चुके हैं और अमेरिकी कांग्रेस में इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष हैं, जल्द ही अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) का पद भी संभालेंगे।
इसी बीच, अमेरिका दौरे को लेकर विदेश मंत्री एस. जयशंकर सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग का सामना कर रहे हैं। कई यूजर्स का दावा है कि जयशंकर इसलिए अमेरिका गए ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह मे न्योता प्राप्त कर सके। इस मुद्दे को लेकर यूजर्स सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर रहे हैं इस पर कई तरह के मिम्स भी बनाए जा रहे हैं। लेकिन उनको शायद ये नहीं पता है ऐसे आरोप और ट्रोलिंग करना न केवल गलत है, बल्कि निंदनीय भी है।
जयशंकर को लेकर सोशल मीडिया पर दावा
हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कुछ यूजर्स ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए जयशंकर का मजाक उड़ाया है। आरोप लगाए जा रहे हैं कि जयशंकर अमेरिकी अधिकारियों से पीएम मोदी को निमंत्रण दिलवाने की कोशिशों में जुटे हैं। गौरतलब है कि डोनाल्ड ट्रंप इस महीने की 20 तारीख को अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने वाले हैं।
आपको बता दें कि 2019 में विदेश सचिव के पद से सीधे विदेश मंत्री बनाए गए जयशंकर, भारतीय विदेश सेवा के एक अनुभवी अधिकारी हैं। विदेश मंत्री एस. जयशंकर को राजनीति से ऊपर उठकर काम करने वाले नेता के रूप में देखा जाता है। दिलचस्प बात यह है कि वे पेशेवर राजनयिक हैं, न कि पारंपरिक राजनेता। उन्होंने कांग्रेस सरकारों के दौरान भी विदेश मामलों के कई अहम पदों पर अपनी सेवाएं दी हैं।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बनने जा रहे वाल्ट्ज से अहम मुलाकात
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने 24 से 29 दिसंबर तक अमेरिका की आधिकारिक यात्रा की। यह यात्रा भारत सरकार और संभावित ट्रंप प्रशासन के बीच पहली उच्च स्तरीय व्यक्तिगत बैठक थी।
जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार पद के लिए नामित माइकल वाल्ट्ज से मुलाकात सार्थक रही। उन्होंने बताया कि इस दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय साझेदारी और वैश्विक मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की। जयशंकर ने कहा कि वे वाल्ट्ज के साथ मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हैं।
माइकल वाल्ट्ज, जेक सुलिवन की जगह अमेरिका के अगले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बनने जा रहे हैं। वह तीन बार सांसद चुने जा चुके हैं और कांग्रेस में इंडिया कॉकस के रिपब्लिकन सह-अध्यक्ष भी हैं। अगस्त 2023 में, उन्होंने अमेरिकी संसदों के प्रतिनिधिमंडल का सह-नेतृत्व करते हुए भारत का दौरा किया था और स्वतंत्रता दिवस समारोह में लाल किले पर भी उपस्थित रहे थे।
भारत की कूटनीति का गौरव
कुछ लोग एस. जयशंकर का मजाक उड़ाते हैं और यह मानने से इनकार करते हैं कि आज का भारत वैश्विक मंच पर एक अहम स्थान रखता है। देश आज अमेरिका के साथ अपने सबसे मजबूत संबंधों के साथ खड़ा है। भारत-अमेरिका के बीच अब एक समानता का रिश्ता है, जिसे खुद अमेरिका भी स्वीकार करता है।
यह कहना गलत होगा कि यह रिश्ता केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में मजबूत हुआ है। दरअसल, अमेरिका के साथ भारत के संबंधों को मजबूत करने की एक लंबी परंपरा रही है, जिसमें पूर्ववर्ती सरकारों का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है। ऐसे में जो लोग एस. जयशंकर की आलोचना करते हैं, उन्हें समझना चाहिए कि प्रधानमंत्री मोदी से उनकी नाराजगी के कारण वे भारत की गरिमा को ठेस पहुंचा रहे हैं। एस. जयशंकर सिर्फ पीएम मोदी के नहीं, बल्कि भारत के विदेश मंत्री हैं। अंतरराष्ट्रीय मंच पर उनका अपना एक विशेष स्थान है, जिसे दुनिया सम्मान की नजरों से देखती है।