नई दिल्ली: – जीएसटी सरकार के लिए कमाई का प्रमुख स्रोत है। इसके जरिये जुटाई गई रकम का इस्तेमाल सार्वजनिक सेवाओं जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए किया जाता है। जीएसटी संग्रह भारतीय अर्थव्यवस्था की सेहत का महत्वपूर्ण इंडिकेटर है। यह इंटीग्रेटेड टैक्स है जिसे केंद्र सरकार और राज्य सरकारें दोनों कलेक्ट करती हैं। जीएसटी संग्रह में कौन सा राज्य सबसे आगे है, यह समय के साथ बदलता रहता है। हालांकि, आमतौर पर महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात, कर्नाटक जैसे राज्य जीएसटी संग्रह में शीर्ष पर रहते हैं। इन राज्यों में बड़ी संख्या में उद्योग-धंधे और सेवा क्षेत्र होने के कारण इनसे अधिक जीएसटी संग्रह होता है। हालांकि, हाल में जारी दिसंबर 2024 के जीएसटी आंकड़ों में उत्तर प्रदेश ने शानदार प्रदर्शन किया है। सीएम योगी आदित्यनाथ का राज्य टॉप 5 में शामिल हुआ है।
दिसंबर 2024 में ज्यादातर राज्यों में अच्छी कमाई हुई। महाराष्ट्र सबसे आगे रहा। फिर कर्नाटक, गुजरात, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश का नंबर है। दिसंबर 2024 में सबसे ज्यादा ग्रोथ अंडमान निकोबार, सिक्किम, पंजाब और हरियाणा में दिखी। इन राज्यों ने 22% से 72% तक की ग्रोथ दर्ज की। महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे बड़े राज्यों ने भी 9% और 7% की अच्छी ग्रोथ दिखाई। ये आंकड़े देश की मजबूत अर्थव्यवस्था की तरफ इशारा करते हैं।
जीएसटी कलेक्शन के आंकड़े (दिसंबर 2024)
राज्य/केंद्र शासित प्रदेश जीएसटी कलेक्शन (करोड़ रुपये में)
महाराष्ट्र 29,260
कर्नाटक 12,526
तमिलनाडु 10,956
गुजरात 10,279
उत्तर प्रदेश 8,117
मध्य प्रदेश 3,460
आंध्र प्रदेश 3,315
तेलंगाना 5,224
राजस्थान 4,146
बिहार 1,521
पश्चिम बंगाल 5,190
ओडिशा 4,841
झारखंड 2,981
छत्तीसगढ़ 2,882
हरियाणा 10,403
पंजाब 2,294
हिमाचल प्रदेश 1,403
उत्तराखंड 1,547
दिल्ली 5,593
चंडीगढ़ 224
जम्मू और कश्मीर 547
लद्दाख 65
अरुणाचल प्रदेश 70
मेघालय 150
मणिपुर 44
मिजोरम 28
त्रिपुरा 83
नागालैंड 51
गोवा 578
केरल 2,575
पुदुचेरी 228
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह 49
लक्षद्वीप 2
दिसंबर 2024 के जीएसटी कलेक्शन के राज्यवार ब्योरे से पता चलता है कि देश के ज्यादातर राज्यों में जीएसटी कलेक्शन बढ़ा है। महाराष्ट्र एक बार फिर सबसे आगे रहा। उसके बाद कर्नाटक, गुजरात, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश का नंबर है।
क्यों कुछ राज्य अधिक जीएसटी जमा करते हैं?
जिन राज्यों में अधिक उद्योग-धंधे होते हैं, वहां से अधिक जीएसटी संग्रह होता है। सेवा क्षेत्र जैसे आईटी, वित्त आदि से भी काफी जीएसटी आता है। थोक और खुदरा व्यापार भी जीएसटी राजस्व में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। जो राज्य करदाता अनुपालन को सुनिश्चित करते हैं, वहां से अधिक जीएसटी संग्रह होता है।
जीएसटी कलेक्शन पर किन फैक्टर्स का पड़ता है असर?
अर्थव्यवस्था की स्थिति जीएसटी संग्रह को प्रभावित करती है। मंदी के समय जीएसटी संग्रह कम हो सकता है। जीएसटी की दरें भी जीएसटी कलेक्शन पर असर डालती हैं। ज्यादा टैक्स दरें जीएसटी कलेक्शन को बढ़ा सकती हैं। टैक्स अनुपालन जीएसटी संग्रह का महत्वपूर्ण फैक्टर है। सरकार की नीतियां भी जीएसटी कलेक्शन को प्रभावित करती हैं।