बालको:- जातक कथाओं और महाभारत के अनुसार मथुरा के कारागार में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म माँ देवकी के गर्भ से उस समय हुआ था जब चारों तरफ पाप, अन्याय और आतंक का प्रकोप था, धर्म जैसे ख़त्म सा हो गया था। धर्म को पुनः स्थापित करने के लिए ही द्वापर युग में कान्हा का जन्म हुआ था। आज भी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी इसी उद्देश्य से मनाई जाती है। भारत के प्रत्येक हिस्से में जन्माष्टमी बड़े ही धूम-धाम से मनाई जाती है। ख़ासकर उत्तर भारत में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी एक विशेष पर्व है। वृन्दावन की गलियाँ हो या फिर सुदूर गाँव की चौपाल या फिर शहर का भव्य मंदिर, जन्माष्टमी पर हर भक्त झूम उठता है। जितना ज़रूरी जन्माष्टमी को मनाना है उससे कहीं ज्यादा ज़रूरी इसके पीछे छुपे उद्देश्य को जानना भी है।
जन्माष्टमी पर्व को भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व पूरी दुनिया में पूर्ण आस्था एवं श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। जन्माष्टमी को भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में बसे भारतीय भी पूरी आस्था व उल्लास से मनाते हैं। श्रीकृष्ण युगों-युगों से हमारी आस्था के केंद्र रहे हैं। वे कभी यशोदा मैया के लाल होते हैं, तो कभी ब्रज के नटखट कान्हा।
भगवान श्रीकृष्ण का जन्मदिन बुधवार 6 सितंबर 2023 को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाएगा। इस दौरान घरों को संजाया जाता है और लोग अपने प्यारे कान्हा के जन्म को उत्सव मनाकर मनाते हैं। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पूरे भारत वर्ष में विशेष महत्व है। यह हिन्दुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। ऐसा माना जाता है कि सृष्टि के पालनहार श्री हरि विष्णु ने धर्म की रक्षा के लिए श्रीकृष्ण के रूप में आठवां अवतार लिया था। देश के सभी राज्य अलग-अलग तरीके से इस महापर्व को मनाते हैं। इस दिन क्या बच्चे क्या बूढ़े सभी अपने आराध्य के जन्म की खुशी में दिनभर व्रत रखते हैं और कृष्ण की महिमा का गुणगान करते हैं। दिनभर घरों और मंदिरों में भजन चलते रहते हैं। मंदिरों में जबरदस्त तरीके से संजाया जाता है और स्कूलों में श्रीकृष्ण लीला का मंचन होता है। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का विशेष महत्त्व है। भाद्रपद महीने की अष्टमी तिथि पर पूर्णावतार योगिराज श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। इसी दिन उमा-महेश्वर व्रत भी किया जाता है। इस दिन श्रीकृष्ण का व्रत करने से पुण्य वृद्धि होती है। जन्माष्टमी पर व्रत के साथ भगवान की पूजा और दान करने से सभी प्रकार की परेशानियां दूर हो जाती है।
लोग अपने प्यारे कान्हा के जन्म को उत्सव मना रहे वही TV36 हिंदुस्तान परिवार भी अपने कान्हा के साथ मनाया कृष्ण जन्म उत्सव….
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