नई दिल्ली:– हैदराबाद से सांसद और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम पर विरोध जताया। ओवैसी ने कहा कि अगर मोदी सरकार से यह उम्मीद थी कि वो चुनाव नतीजों से कुछ सीखेंगे तो उन्होंने इस उम्मीद पर पानी फेर दिया है।
ओवैसी ने कहा कि कांग्रेस सरकार में भी इस कानून का विरोध किया था। उन्होंने कांग्रेस पर भी सवाल उठाया और कहा कि जब मोदी सरकार इस कानून को कड़ा बना रही थी तब कांग्रेस ने साथ दिया। औवैसी ने कहा कि जुल्म और ज्यादतियों का ये सिलसिला जारी रहेगा।
इंतिहाई बेरहम कानून: ओवैसी
ओवैसी ने कहा कि आज यूएपीए कानून चर्चा में है। उन्होंने इस कानून को बेरहम बताया। कहा कि इस कानून के तहत मुसलमानों, वंचितों और आदिवासी नौजवानों को जेल में बंद किया गया और उनकी जिंदगियों को तबाह कर दिया गया। ओवैसी का आरोप है कि 85 वर्षीय स्टेन स्वामी की मौत की वजह भी यही कानून था।
ओवैसी ने कहा कि 2008 और 2012 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने जब इस कानून को और सख्त बनाया तब भी मैंने इसका विरोध किया। मगर 2019 में भाजपा ने जब कड़े प्रावधानों को लागू किया तो कांग्रेस ने साथ दिया था। उस वक्त भी इसका विरोध किया था।
अरुंधति रॉय पर इसी कानून के तहत कार्रवाई
हाल ही में दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने लेखिका अरुंधति रॉय और अंतरराष्ट्रीय कानून के पूर्व प्रोफेसर डॉ. शेख शौकत हुसैन के विरुद्ध यूएपीए के तहत केस चलाने की अनुमति दे दी है। दोनों पर भड़काऊ और भारत विरोधी भाषण देने का आरोप है। हालांकि मामला 2010 का है।
मोदी सरकार ने उम्मीदों पर पानी फेर दिया
अरुंधति रॉय मामले के बाद ओवैसी की यह टिप्पणी सामने आई है। ओवैसी ने मोदी सरकार पर हमला भी बोला। उन्होंने कहा कि अगर यह उम्मीद थी कि मोदी सरकार चुनाव नतीजों से कुछ सीखेगी तो उन्होंने इस पर पानी फेर दिया है। आगे कहा कि जुल्म और ज्यादतियों का ये सिलसिला जारी रहेगा।