नई दिल्ली:– पेरिस ओलंपिक में भारत की बेटी मनु भाकर ने तहलका मचा दिया था। पेरिस में उन्होंने निशानेबाजी में दो पदक जीतकर भारत का नाम रोशन किया था। लेकिन इसके बावजूद उन्हें देश के सबसे बड़े पुरस्कार मेजर ध्यानचंद खेल रत्न के लिए नामित नहीं किया गया। जिसके बाद अब ये माना जा रहा है कि मनु को इस अवॉर्ड के लिए नामित नहीं करना राजनीति का हिस्सा है।
पेरिस ओलंपिक में धमाल मचाने के बाद मनु भाकर काफी सुर्खियों में बनी रहती हैं। उन्हें कई जगहों पर स्पॉट किया जाता है। लेकिन इस बार वह इसलिए चर्चा में है, क्योंकि उन्हें ध्यानचंद खेल रत्न के लिए नामित नहीं किया गया। जिसके बाद अब ये भी चर्चा है कि इसके पीछे की वजह उनका कांग्रेस के करीब होना हो सकता है।
कांग्रेस से है नजदीकियां!
दरअसल, कई लोगों का मानना है कि मनु भाकर कांग्रेस की करीब हैं। उनकी कांग्रेस से नजदीकियां है। जिसकी वजह से ही उन्हें मेजर ध्यानचंद खेल रत्न के लिए नामित नहीं किया गाया। इतना ही नहीं कई लोगों का कहना ये भी है कि इसके पीछे साजिश भी हो सकती है।
पेरिस से आते ही सोनिया से मुलाकात
कांग्रेस से नजदीकियों की चर्चा इसलिए भी की जाती है क्योंकि जब पेरिस ओलंपिक में मनु ने पहला मेडल जीता था तब दीपेंद्र हुड्डा गुरुग्राम स्थित उनके घर गए थे। इस दौरान दीपेंद्र ने मनु से बातचीत कर उन्हें बधाई दी थी। इतना ही नहीं जब पेरिस ओलंपिक में दो मेडल जीतकर मनु भाकर भारत लौटी थी तब उन्होंने सबसे पहले सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। ये वजह भी उनकी कांग्रेस से करीबी रिश्ते को दर्शाती है। इसके अलावा उनका परिवार भी हुड्डा का करीबी बताया जाता है। मनु का परिवार झज्जर जिले की रहने वाली हैं, जो कांग्रेस या फिर हुड्डा परिवार का गढ़ कहा जाता है।
ठुकराई थी नौकरी
वहीं हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने जब मनु भारत को सरकारी नौकरी का ऑफर दिया था, जब मनु ने ये कह कर नौकरी ठुकरा दी थी कि ये उनके लायक नहीं है। ऐसे में ये सारी चीजों ने लोगों के मन में डाल दिया है कि मनु का झुकाव कांग्रेस के तरफ ज्यादा है और ये ही वजह हो सकती है कि उन्हें मेजर ध्यानचंद खेल रत्न के लिए नामित नहीं किया गया।