इंटरनेट की आसान पहुंच के चलते अपना समय बचाने के लिए भारत में एक बड़ी आबादी ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करने की ओर बढ़ रही है या यूं कहें कि बढ़ चुकी है. हालांकि, एक वर्ग आज भी ऐसा है जो अभी भी नकद लेनदेन का विकल्प सेलेक्ट कर रहा है. यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि कोई भी ट्रांजैक्शन वह चाहें ऑफलाइन हो या ऑनलाइन एक लिमिट से अधिक करने पर इनकम टैक्स वाले घर पर नोटिस भेज देते हैं.
आज की स्टोरी में हम जानेंगे कि कितने रुपए तक हम ट्रांजैक्शन कर सकते हैं. उसकी लिमिट क्या है? अधिक होने पर IT नोटिस से बचने का क्या विकल्प है?
1- बैंक खाते में कैश जमा करनाकेंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के नियमों के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति एक वित्त वर्ष में 10 लाख रुपए या उससे अधिक कैश जमा करता है, तो इसकी सूचना आयकर विभाग को देनी होती है. यह पैसा एक ही खाताधारक के एक या अधिक खातों में जमा किया गया हो सकता है. चूंकि कोई निर्धारित सीमा से अधिक पैसा जमा कर रहा है, तो आयकर विभाग आपसे पैसे के सोर्स के बारे में जानकारी मांग सकता है.
2- फिक्स्ड डिपॉजिट में कैश जमा करनाजैसे बैंक किसी बैंक खाते में एक वित्त वर्ष में 10 लाख रुपए की कैश जमा के बारे में पूछताछ कर सकता है, वह एफडी में लेनदेन के लिए भी यही नियम लागू करता है. अगर कोई एक वित्त वर्ष में एफडी में 10 लाख रुपए से अधिक जमा करता है, तो आयकर विभाग उनसे पैसे के सोर्स के बारे में पूछ सकता है
3- शेयर, म्यूचुअल फंड, डिबेंचर या बॉन्ड खरीदनाबहुत से लोग शेयर, म्यूचुअल फंड, डिबेंचर या बॉन्ड में निवेश करना एक अच्छा विकल्प मानते हैं. इस तरह के निवेश से निवेशक में पैसे बचाने की आदत भी विकसित हो सकती है, लेकिन अगर कोई शेयर, म्यूचुअल फंड, डिबेंचर या बॉन्ड खरीदने के लिए बड़ी मात्रा में कैश का उपयोग करता है, तो यह आयकर विभाग को भी सचेत करता है.यदि कोई व्यक्ति ऐसे किसी भी निवेश विकल्प में 10 लाख रुपए या उससे अधिक का लेनदेन करता है, तो इसकी जानकारी आयकर विभाग तक पहुंच जाती है, जो आपसे पैसे के सोर्स के बारे में पूछ सकता है.
4- क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतानआजकल क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल आज के समय में आम बात हो गई है. कई बार तो यूजर्स का बिल लाखों रुपए में चला जाता है, लेकिन अगर आपका मंथली क्रेडिट कार्ड बिल 1 लाख रुपए से अधिक हो रहा है और आप इसका भुगतान कैश में करना चाहते हैं, तो भी आयकर विभाग आपसे आपके पैसे के सोर्स के बारे में पूछ सकता है. वहीं, अगर आप ऑनलाइन या ऑफलाइन किसी भी माध्यम से एक वित्त वर्ष में 10 लाख रुपए या उससे अधिक का भुगतान करते हैं तो आयकर विभाग आपसे सवाल कर सकता है कि आपको यह पैसा कहां से मिला है?
5- संपत्ति संबंधी लेन-देनशहरों और टियर-2 शहरों में रियल एस्टेट की कीमतें अत्यधिक हैं, और बड़ी राशि का लेनदेन आम है, लेकिन अगर आप प्रॉपर्टी खरीदते समय 30 लाख रुपए या उससे ज्यादा का कैश लेनदेन कर रहे हैं तो आयकर विभाग से सावधान रहें. संपत्ति रजिस्ट्रार आयकर विभाग को सूचित करेगा, जो बदले में आपसे पैसे के सोर्स के बारे में मांग सकता है.